प्रथम विश्व युद्ध खत्म होने के बाद सभी मित्र राष्ट्र, धुरी राष्ट्रों को यह युद्ध शुरू करने के लिए दोषी ठहराते है और एक साथ मिलकर उन सभी से शांति संधियों पर हस्ताक्षर करवाते है। इन संधियों के तहत सभी धुरी राष्ट्रों पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाये जाते है।
जर्मनी के साथ वर्साय संधि के तहत सबसे कठोर प्रतिबंध लगाये जाते है। इस संधि के कारण जर्मनी पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है। जिससे वहां की जनता में बदले की भावना जाग्रत हो जाती है और आगे चलकर यह द्वितीय विश्व युद्ध में बदल जाती है।
द्वितीय विश्व युद्ध 1 सितम्बर 1939 को शुरू हुआ था और 2 सितम्बर 1945 को खत्म हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध में 30 देशों के लगभग 10 करोड़ सैनिक भाग लेते है और लगभग 7 से 8 करोड़ लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
द्वितीय विश्व युद्ध के कारण
1. वर्साय की संधि
वर्साय संधि के कारण जर्मनी की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई थी। जिस कारण युवा पीढ़ी में रोष की भावना उत्पन्न हो गई थी और इस कारण सभी लोगो में बदले की भावना जाग्रत हो गई जो कि आगे चलकर युद्ध शुरू करने के प्रमुख कारणों में से एक बनती है।
2. जर्मनी में तानाशाही शासन
प्रथम विश्व युद्ध के समय अडोल्फ हिटलर मात्र 25 वर्ष का था। हिटलर सभी युवाओ को जोड़कर खुद की एक नाजी (जर्मन नेशनल सोशलिस्ट) पार्टी बना लेता है। वर्ष 1932 में हिटलर राष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव लड़ता है लेकिन उसकी पार्टी को पूर्ण बहुमत नही मिलता। इस कारण उसे दूसरी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ती है। लेकिन उसकी एक शर्त थी कि वह तभी सरकार बनाएगा। जब उसे राष्ट्रपति का पद दिया जायेगा और उसे राष्ट्रपति का पद मिल जाता है।
3. वर्साय की संधि का उल्लंघन
राष्ट्रपति बनते ही हिटलर पूरे यूरोप पर फिर से अपना कब्ज़ा करने की तैयारी शुरू कर देता है। वह वर्साय की संधि के सभी नियमो को ताक पर रखकर सेना में नये लोगो को भर्ती करता है, नये-नये हथियार बनाने, विमान बनाने, जहाज बनाने, बम बनाने का काम तेजी से शुरू कर देता है। लोगो को अधिक से अधिक काम करने के लिए बाध्य करता है।
4. राष्ट्र संघ की विफलता
प्रथम विश्व युद्ध खत्म होने के बाद पेरिस शांति समझौते में दुनिया में शांति बनाये रखने के लिए राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी। इसमें दुनिया के सभी देशों को सदस्य होना था ताकि दो देशों में किसी भी प्रकार की अनबन हो तो उसे बातचीत करके सुलझाया जा सके।
लेकिन सभी देश इसके सदस्य नही थे। यही कारण रहा कि राष्ट्र संघ द्वितीय विश्व युद्ध रोकने में पूरी तरह से विफल रहा।
द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत
राष्ट्रपति बनने के 7 साल बाद ही हिटलर अपने देश को दूसरे देशों से युद्ध करने के लिए तैयार कर लेता है। वर्साय की संधि के तहत जर्मनी को 7 स्वतंत्र देशों में बाँट दिया गया था। सर्वप्रथम वह उन सभी देशों को जीतकर जर्मनी में शामिल करना चाहता था। 1 सितम्बर 1939 द्वितीय विश्व को युद्ध की शुरूआत हो जाती है।
द्वितीय विश्व युद्ध की प्रमुख घटनाये
जैसा कि आप जानते है कि द्वितीय विश्व युद्ध लगभग 6 वर्षो तक चला था। जिस कारण समय-समय पर अनेक घटनाये घटी थी द्वितीय विश्व युद्ध प्रमुख घटनाये निम्न है।
1. जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण (1939)
1 सितम्बर, 1939 को जर्मनी पोलैंड पर हमला करके उस पर कब्ज़ा कर लेता है। इसके बाद वह चेकोस्लोवाकिया, लुथानिया आदि देशों को भी अपने कब्जे में ले लेता है।
2. जर्मनी का फ्रांस पर आक्रमण (1940)
जर्मनी, पड़ोस के सभी छोटे-छोटे देशों पर कब्ज़ा करने के बाद फ्रांस, बेल्जियम और होलैंड पर आक्रमण कर देता है।
जर्मनी और फ्रांस पुराने दुश्मन थे इसलिए जर्मनी, फ्रांस को हराकर उस पर भी कब्ज़ा कर लेता है।
3. द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी के साथी देश
जर्मनी के साथी देशों को धुरी राष्ट्र कहा जाता था प्रथम विश्व में जर्मनी के साथी इटली, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की थे। वे अभी भी इसका साथ दे रहे थे। इसके अलावा जापान जो प्रथम विश्व युद्ध में इनके खिलाफ था वह अब इनका साथी बन गया था।
4. जर्मनी का ब्रिटेन पर आक्रमण (1940)
ब्रिटेन, जर्मनी से थोड़ा ज्यादा ताकतवर था। लेकिन बहुत सारे देशों को हराने के कारण हिटलर का कॉन्फिडेंस 7वे आसमान पर था उसने सोचा कि मैं बड़ी आसानी से ब्रिटेन को हरा सकता हूँ लेकिन उसका यह फैसला गलत शाबित हुआ।
ब्रिटेन चारों तरफ से समुंद्र से घिरा हुआ है। इस कारण जर्मनी को अपनी सेना जहाजो के द्वारा लेकर जानी थी और ब्रिटेन के पास काफी संख्या में लड़ाकू विमान थे। ब्रिटेन ने जर्मनी के सभी जहाजो को लड़ाकू विमानों से परास्त कर दिया।
हिटलर की सेना ब्रिटेन के सामने बुरी तरह से हार जाती है। अब हिटलर अपनी सेना को वापस बुला लेता है और रूस पर आक्रमण करने का विचार करने लगता है और कुछ समय बाद रूस पर भी आक्रमण कर देता है।
5. जापान द्वारा अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला (7 दिसम्बर 1941)
युद्ध शुरू हुए 2 वर्ष हो गये थे लेकिन अमेरिका अभी तक इस युद्ध में शामिल नही हुआ था लेकिन वह सभी देशों पर अपनी नजर बनाये हुआ था।
जापान चीन, फिलीपींस, बर्मा और हान्गकान्ग आदि देशों से युद्ध कर रहा था। अमेरिका द्वारा लगाये गये प्रतिबंधो से परेशान होकर जापान हवाई में स्थित अमेरिका के नोसेना बेस पर्ल हार्बर पर हमला कर देता है इसमें अमेरिका के काफी सैनिक मारे जाते है।
6. द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका का आगमन (1942)
जापान द्वारा अमेरिका पर हमला करने के कारण अमेरिका भी जापान के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर देता है। अमेरिका और जापान के बीच घमासान युद्ध होता है। जिसमे अमेरिका की नौसेना जापान को काफी नुकसान पहुंचाती है।
7. द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय
ब्रिटेन और रूस की सेना ने जर्मनी के सैनिको के हौसले पस्त कर दिये। रूस की सेना 21 अप्रैल 1945 को जर्मनी की राजधानी बर्लिन तक पहुँच जाती है।
इसके बाद हिटलर को लगता है कि अब जर्मनी युद्ध हार गया है तो वह 30 अप्रैल को गोली मारकर आत्महत्या कर लेता है। इसके बाद 7 मई को जर्मनी आत्मसमर्पण कर देता है।
8. जापान पर परमाणु हमला और युद्ध समाप्ति
जापान अब सभी मित्र देशों पर आक्रमण की तैयारी कर रहा था इसमें काफी लोगो की जान जा सकती थी इसलिए अमेरिका उस पर परमाणु बम गिराने का फैसला करता है।
अमेरिका पहला परमाणु बम (लिटिल बॉय) 6 अगस्त 1945 को जापान के शहर हिरोशिमा पर गिराता है तथा 9 अगस्त को दूसरा परमाणु बम (फैट मैन) गिराता है।
जापान अब पूरी तरह से हार मान चुका था और 14 अगस्त को वह अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण कर देता है। इस प्रकार द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो जाता है।
द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम
1. विश्व में नई महाशक्तियां सामने आई
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बहुत सारे बदलाव शुरू हो गये। युद्ध से पहले तक ब्रिटेन और फ्रांस महाशक्ति थे लेकिन युद्ध के बाद अमेरिका और रूस महाशक्ति के रूप में सामने आये तब से अब तक अमेरिका महाशक्ति बना हुआ है रूस इसमें थोड़ा पीछे रह गया है।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना
द्वितीय विश्व युद्ध से पहले राष्ट्र संघ हुआ करता था जो कि इस युद्ध को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहा था इसलिए नये सिरे से संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गयी थी। इसका काम दुनिया में शांति स्थापित करना था यह अभी भी कार्यरत है।
द्वितीय विश्व युद्ध से हानि
द्वितीय विश्व युद्ध में 30 देशों के लगभग 10 करोड़ सैनिको ने भाग लिया और इस युद्ध में कुल 7 से 8 करोड़ लोगो ने अपनी जान गवा दी। इस युद्ध में सैनिको से ज्यादा आम आदमी की जान गयी थी।
लोगो के मरने के प्रमुख कारण हवाई जहाज द्वारा बरसाए गये बम, भूखमरी, बीमारियाँ, परमाणु हमला आदि थे।
इस युद्ध में सभी देशों की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हो गयी थी। ब्रिटेन और फ्रांस जो उस समय महाशक्ति हुआ करते थे। अब वे इतने कंगाल हो चुके थे कि उनको अपने गुलाम देशों को भी आजाद करना पड़ा। (जैसे भारत)
द्वितीय विश्व युद्ध में बड़े-बड़े शहरों की सभी इमारते नष्ट कर दी गयी थी। इसके अलावा सड़के, बंदरगाह, हवाई अड्डे पूरी तरह से तबाह कर दिए गये थे।
द्वितीय विश्व युद्ध का भारत पर प्रभाव
द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी भारत पर अंग्रेजो का राज था। इसलिए भारत ने इस बार भी अंग्रेजो का इस युद्ध में साथ दिया था। भारत से लगभग 20 लाख सैनिको ने इस युद्ध में भाग लिया था। बहुत सारी देशी रियासतों ने इस युद्ध के लिए अंग्रेजो को धनराशि प्रदान की थी।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति ख़राब हो गई जिस कारण वहा सत्ता परिवर्तन हुआ। ब्रिटेन में लेबर पार्टी सत्ता में आई तो इसका झुकाव नस्लीय समानता की तरफ था। इसलिए उन्होंने भारत को आजाद करने की घोषणा कर दी।
द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने की कहानी प्रथम विश्व युद्ध और वर्साय की संधि से जुडी हुई है इसलिए उनके बारे में भी जरुर पढ़े।